उत्तर प्रदेश में भाजपा संगठन और सरकार में बड़े बदलाव की तैयारी तेज
Preparations for Major changes in the BJP Organization
Preparations for Major changes in the BJP Organization: उत्तर प्रदेश में भाजपा संगठन और सरकार दोनों स्तर पर बड़े बदलाव की आहट तेज हो गई है. नए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पंकज चौधरी की नियुक्ति के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल विस्तार पर सबकी नजरें टिकी हैं. मंगलवार को सीएम आवास पर हुई कोर कमेटी की लंबी बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा हुई, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी दिल्ली रवाना हो गए. माना जा रहा है कि योगी कैबिनेट विस्तार में भूपेंद्र चौधरी की सरकार में वापसी हो सकती है साथ ही साथ 6 नए चेहरे मंत्री बनाए जा सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार, बैठक में करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय तक मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन पुनर्गठन पर मंथन चला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी, महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में प्रस्तावित विस्तार के स्वरूप पर सहमति बन गई है. बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी बनने के बाद संघ, संगठन और सरकार की पहली बैठक थी. इस बैठक में एक दूसरे का परिचय भी हुआ.
भूपेंद्र चौधरी को मंत्री बनाने की चर्चा तेज
भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित आधा दर्जन विधायकों को मंत्री बनाने पर गंभीर विचार किया गया. 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जातीय समीकरणों को साधने पर विशेष जोर दिया गया. इसी फॉर्मूले पर संगठन के पुनर्गठन की भी रूपरेखा तैयार की गई.
बैठक के बाद पंकज चौधरी दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जहां वे हाईकमान के सामने कोर कमेटी की चर्चा और प्रस्तावों की जानकारी देंगे। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से हरी झंडी मिलते ही मंत्रिमंडल विस्तार पर अमल हो सकता है। माना जा रहा जनवरी या फरवरी 2026 तक विस्तार की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि खरमास के बाद शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे.
6 नए चेहरे की हो सकती है एंट्री
योगी सरकार में वर्तमान में 54 मंत्री हैं, जबकि अधिकतम 60 तक जगह है. ऐसे में 6 नए चेहरे शामिल हो सकते हैं. पूर्व में हुई चर्चाओं में जाट नेता भूपेंद्र चौधरी की कैबिनेट में वापसी लगभग तय मानी जा रही है, साथ ही क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के लिए अन्य नामों पर भी मंथन चल रहा है.
राजनीतिक हलकों में इस विस्तार को मिशन-2027 की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भाजपा सरकार और संगठन दोनों में संतुलन साधकर विपक्ष के पीडीए फॉर्मूले का मुकाबला करने की रणनीति पर काम कर रही है. आने वाले दिनों में दिल्ली से अंतिम फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में नई हलचल देखने को मिल सकती है.